Dalit Yug: उत्तर प्रदेश मैनपुरी के मैनपुरी जिले के ओंछा थाना अंतर्गत मढ़न गांव में एक दलित युवक पर दबंगों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह सड़क किनारे ठेले पर खड़ा होकर चाट खा रहा था। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन हमलावर अभी भी फरार हैं।
घटना विवरण
मैनपुरी घटना के अनुसार ग्राम भगवंतपुर निवासी प्रशांत कुमार कथीरिया पुत्र जयवीर ने ओंछा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि वह मढ़न बाजार में ठेले पर खाना खा रहा था, तभी अचानक कुछ दबंग लोग वहां आए और उसे वहां से हटाने लगे।
शिकायत में नामित व्यक्ति निम्नलिखित हैं:
- आशु पुत्र सर्वेश
- शिवम, मुकेश का पुत्र
- अमित पुत्र अतिराज
- अंशुल, भूदेव का पुत्र
- ये सभी भगवंतपुर के निवासी हैं।
- जाति आधारित दुर्व्यवहार और मारपीट
प्रशांत के अनुसार, जब उन्होंने गाड़ी से हटने से इनकार कर दिया तो इन दबंग व्यक्तियों ने न केवल उन्हें जबरन धक्का दिया, बल्कि जाति-आधारित गालियां भी दीं। इसके बाद चारों ने मिलकर प्रशांत की लात-घूंसों से बुरी तरह पिटाई कर दी। पिटाई के दौरान काफी शोर मचा, जिस पर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायल प्रशांत को गुंडों से बचाया। लेकिन जब वह जा रहे थे तो हमलावरों ने खुलेआम उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई
शनिवार को थाने में शिकायत मिलने के बाद मैनपुरी पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली। ओंछा थाना प्रभारी अनुज चौहान ने बताया कि घायल व्यक्ति का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और अब मामले की पूरी जांच की जा रही है। पुलिस टीम ने नामजद संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी भी की, लेकिन सभी हमलावर अपने घरों से फरार हो गए। अनुज चौहान ने आश्वासन दिया है कि इन लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक तनाव पहलू
यह घटना महज एक साधारण मारपीट का मामला नहीं है, बल्कि इसमें जाति आधारित पूर्वाग्रह और घृणा भी स्पष्ट रूप से झलकती है। दलित युवक को सिर्फ इस आधार पर निशाना बनाया गया कि वह बाजार में आम लोगों के साथ खड़ा होकर खाना खा रहा था। ऐसी घटनाएं समाज में बढ़ती असमानता और अन्याय को उजागर करती हैं।
अब देखना यह है कि क्या पुलिस वाकई इन दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा। लोग न्याय की आशा कर रहे हैं।